ब्रह्मी सुंदरी कन्या छात्रावास
सुखी परिवार फाउंडेशन द्वारा स्थापित ब्रह्मी सुंदरी कन्या छात्रावास गुजरात के बड़ोदरा के आदिवासी अंचल बोडे़ली स्थित है। यह छात्रावास शिक्षा में रुचि रखने वाली आदिवासी क्षेत्र की कन्याओं के लिए एक विशिष्ट शिक्षामूलक गतिविधि के रूप में कार्य कर रहा है। लंबे समय से इस क्षेत्र की कन्याओं को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। एक तरह से इस क्षेत्र की कन्याओं की उच्चा शिक्षा पर अवरोध आ गया था। इस जरूरत को महसूस करते हुए सुखी परिवार फाउंडेशन ने ब्रह्मी सुंदरी कन्या छात्रावास प्रारंभ किया। फाउंडेशन का मुख्य लक्ष्य आदिवासी एवं पिछड़े क्षेत्र की गरीब, जरूरतमंद एवं अभावग्रस्त कन्याओं को उच्च शिक्षा के लिए छात्रावास की आवश्यकता को पूरा करना एवं कन्या शिक्षा को प्रोत्साहन देना है। फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा और जन-कल्याण है, इसके साथ ही सद्विचारों को बल देना, नैतिकता और चरित्रमूलक गतिविधियों को संगठित करना एवं जीवन निर्माण के लक्ष्य को आदिवासी एवं पिछड़ेजन तक पहुंचाना है।
यह छात्रावास कन्याओं को विकास पथ पर अग्रसर करने की विभिन्न प्रवृत्तियों एवं कन्या कल्याणकारी गतिविधियों का एक सुंदर स्वरूप है। इस छात्रावास में करीब 90 छात्राएं यहीं रहकर शिक्षा के साथ-साथ इस केन्द्र द्वारा दी जा रही तकनीकी प्रशिक्षण एवं अन्य रोजगारपरक शिक्षाओं का लाभ ले रही हैं। इन छात्राओं को सभी शिक्षाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं। अब तक इस छात्रावास से लगभग 800 कन्याएं सफलतापूर्वक पढ़ाई कर उच्च शिक्षा अथवा रोजगार के लिए अन्यत्र जा चुकी हैं।
छात्रावास के प्रमुख उद्देश्य:-
- आदिवासी गरीब, असमर्थ एवं अभावग्रस्त कन्याओं को लाभान्वित करना।
- आदिवासी क्षेत्र की मेधावी कन्याओं को उच्च शिक्षा हेतु सहयोग देना एवं छात्रावास भवन का निर्माण करना।
- आदिवासी एवं पिछड़े क्षेत्र की जरूरतमंद कन्याओं को शिक्षा सुलभ कराना एवं उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन देना।
- राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन देना।
- स्वस्थ एवं नैतिक विचारों को पोषण देना एवं प्रतिभा को विकसित करना।
- छात्राओं का समग्र विकास व विविध तकनीकी प्रशिक्षण देना।
- कन्या-कल्याणकारी गतिविधियों का संचालन, जैसे निःशुल्क भोजन, ड्रेस, पाठ्य-सामग्री इत्यादि उपलब्ध कराना।
- व्यक्तित्व विकास हेतु निबंध, चित्रकला, संगीत, खेल-कूद प्रतियोगिताएं आयोजित करना।
- नई पीढ़ी को संस्कारी बनाना एवं ब्रह्मी सुंदरी के आदर्शों को स्थापित करना।
- शील, संयम एवं संस्कारमूलक समाज की स्थापना करना।